रविंद्र सिंह भाटी ने अपने कार्यकर्ताओं को दिया संदेश किसी भी हालत में कोई किसी से ना करे बहस
लोकसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़े और एक लाख वोट से हारने के बाद पहली बार मंच सचलित करते हुए रविंद्र सिंह भाटी ने कहा की चुनाव हारने के बाद चार पांच दिनों तक कुछ अच्छा नही और पीछे मुड़कर देखा तो 6 लाख लोगो ने मुझे वोट दिया इस को देखता हु तो अपने आप पर बोहोत गर्व होता है अगले पांच साल जनता के बीच रहकर काम करेगे और यहां कही कमिया रही है वहा काम करेगे और फिर पांच साल बात वापिस आयेगे और 6 लाख से जीतकर दिल्ली जायेगे और बाड़मेर जैसलमेर बालोतरा की जनता का काम करेगे लोगो ने खूब प्यार समान दिया है उन तमाम लोगो का आभार व्यक्त करता हु जो प्रतिपक्ष अप्रतिपक्ष मेरे साथ रहे में आपका बेटा ही शिव की जनता ने पांच साल सेवा करने का मोका दिया है और आप सबके बीच में रहकर काम करेगे आपका ये रविंद्र सिंह भाटी भाई है और हर दुख सुख में आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा चिंता करने की कोई बात नही है आपका रविंद्र आपके साथ है और रहेगा
सोसल मीडिया पर ध्यान रखे और किसी भी जातिवाद और भाईचारे पर टिका टीपणी ना करे
रविंद्र सिंह भाटी ने अपने समर्थको से अपील की है की सोसल मीडिया का जमाना है आप किसी भी जाति पर टिका टिप्पणी करने से बचे ये चुनाव है अगले पांचवे साल फिर आएगा और जाएगा आपको रविंद्र सिंह भाटी बनकर अपने अपने क्षेत्र में काम करना है लोगो का दिल जीतना है जिस से आने वाले समय में लोग अपने साथ आए और किसी भी क्षेत्र में कोई भी समस्या हो तो अपने भाई रविंद्र सिंह भाटी को याद करना हर वक्त आपके बीच आकर आपके लिए लडूगा
रविंद्र सिंह भाटी को हरने में राजपूत समाज के 30% लोगो ने भाटी को छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था
बता दु रविंद्र सिंह भाटी को हराने में उनके अपने हो समाज के 30% लोग बीजेपी के समर्थन में थे जिसका नतीजा ये रहा की वह एक लाख से अधिक वोट से हारे जिस में सबसे बड़ा राजपूत तबका बीजेपी के साथ था जिसके कारण भाटी अपने समाज में पकड़ नही बना सका नतीजन वह चुनाव हार गए
पूर्व शिव विधायक पूर्व बाड़मेर विधायक ने खूब कोशिश की पर वोटरों को रिझा नही पाए
शिव से पूर्व विधायक अमीन खान और बाड़मेर से पूर्व विधायक मेवा राम जैन दोनो ने मिलकर भाटी को सहारा देने की कोशिश की अपने बूथ देतानी से 1274 और रेलवे कुआ नबर 3 से 445 वोटो से भाटी को आगे जरूर रखा पर अपने जातिगत वोटरों को साधने में काफी कमी रही वही अमीन खान विदेश यात्रा पर थे मात्र 3 दिन पहले वापिस आए थे जिसका कोई यादा असर नहीं पड़ा शिव विधान सभा से भाटी विधायक और पूर्व विधायक अमीन दोनो ने मिलकर मात्र 1800 वोट की लीड ले सके यहां भाटी पिछले चुनवा निर्दलीय के रूप में जीते थे तो वही अमीन खान पिछले 50 सालो से कांग्रेस के टिकट पर राजनीति कर रहे है और पूर्व में शिव विधान सभा से पांच बार विधायक भी रह चुके थे परंतु कुछ खास नहीं कर पाए
पूरे चुनाव में भाटी के खिलाफ था सबसे बड़ा मुद्दा
विपक्ष के पास कोई बड़ा मुद्दा नहीं था सबसे बड़ी बात दो हेडपंप का बड़ा मुद्दा बनकर आया जिस से कॉग्रेस के नेताओ ने खूब सभाओं में उछला की पिछले चार साल से शिव विधानसभा से विधायक दो हेडपंप लेकर आया वही अगर चुनवा में किसी के पास कोई मुद्दा था तो राम मानस चरित्र की झूठी कसम खाने जेसे मुद्दा पर लोगो ने लोकसभा में खूब उछला वही भाटी ने बायतु विधायक पर रिफाइनरी में घोटाला करना और अपने लोगो को काम देने का आरोप भी लगाया जिस पर दो दिन रिफाइनरी गेट पर बैठकर बायतु विधायक ने डिबेट करने को त्यार हो गए पर भाटी का वहा ना जाना भी कही ना कही लोगो का विचार खीच ली गया
Author: Hakam Bandasar
रिपोर्टर दैनिक भास्कर बाड़मेर