राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला बिना कारण बताए अब नहीं किया जा सकेगा APO
जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। अब किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बिना लिखित कारण बताए नोटिस देकर एपीओ (Awaiting Posting Orders) नहीं किया जा सकेगा। कोर्ट ने राज्य सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में जल्द से जल्द नए प्रशासनिक आदेश जारी किए जाएं।
हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को दिए निर्देश
राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अनुचित रूप से एपीओ न किया जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि किसी कर्मचारी को एपीओ किया जाता है, तो उसके पीछे वैध कारण और लिखित आदेश होने चाहिए।
एपीओ की अवधि 30 दिनों से अधिक नहीं
राजस्थान हाईकोर्ट के इस फैसले के अनुसार, अब एपीओ की अवधि 30 दिनों से अधिक नहीं हो सकेगी। यानी, अगर कोई कर्मचारी या अधिकारी एपीओ पर है, तो उसे 30 दिनों के भीतर उचित पदस्थापन (Posting) देना अनिवार्य होगा।
ट्रांसफर या दंड के रूप में नहीं होगा इस्तेमाल
राजस्थान हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि एपीओ को ट्रांसफर या दंड के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता। सरकारी विभागों में कई बार अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई या मनमाने ट्रांसफर के उद्देश्य से एपीओ पर डाल दिया जाता था, लेकिन अब यह संभव नहीं होगा।
केवल राजस्थान सेवा नियमों के तहत होगा एपीओ आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि अब एपीओ आदेश केवल राजस्थान सेवा नियमों में दी गई परिस्थितियों में ही जारी किया जा सकेगा। इसका मतलब यह हुआ कि किसी भी कर्मचारी को बिना ठोस कारण एपीओ पर नहीं रखा जा सकेगा, जिससे प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ेगी।
सरकारी कर्मचारियों के लिए राहतभरा फैसला
इस आदेश से सरकारी कर्मचारियों को मनमाने एपीओ से राहत मिलेगी और वे बिना किसी अनुचित दबाव के अपने कार्य कर सकेंगे। इससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार होगा और ट्रांसफर एवं पोस्टिंग में पारदर्शिता आएगी।
राजस्थान हाईकोर्ट का यह फैसला सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल प्रशासनिक सुधार होंगे, बल्कि सरकारी कर्मचारियों को अनुचित एपीओ से बचाव भी मिलेगा। अब सरकार को इस फैसले को लागू करने के लिए नए प्रशासनिक आदेश जारी करने होंगे, जिससे कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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Author: Hakam Bandasar
रिपोर्टर दैनिक भास्कर बाड़मेर