शिव विधायक पर सोलर और विंड प्रोजेक्ट्स अटकाने का मामला दर्ज  

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शिव विधायक पर सोलर और विंड प्रोजेक्ट्स अटकाने का मामला दर्ज 

शिव विधायक भाटी पर सोलर और विंड प्रोजेक्ट्स अटकाने का मामला दर्ज 
शिव विधायक भाटी पर सोलर और विंड प्रोजेक्ट्स अटकाने का मामला दर्ज

संवाददाता | बाड़मेर

शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्रसिंह भाटी के खिलाफ सोलर और विंड प्रोजेक्ट्स को बाधित करने के आरोप में एक और मामला दर्ज हुआ है। बीते एक साल में यह उनके खिलाफ दर्ज तीसरा मामला है। बाड़मेर और जैसलमेर में सोलर और विंड कंपनियों के खिलाफ मुआवजा बढ़ाने, ओरण और गोचर भूमि को मुक्त करने, और हाई टेंशन पोल लगाने को लेकर विरोध प्रदर्शन के बाद यह मामला दर्ज किया गया है।  भारतीय सौर ऊर्जा महासंघ ने हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर विधायक पर कंपनियों के प्रोजेक्ट्स में रुकावट डालने और कर्मचारियों को धमकाने का आरोप लगाया था। महासंघ के पत्र के आधार पर अब शिव पुलिस थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। इस मामले की जांच सीआईडी-सीबी को सौंपी गई है।  

  • सौर ऊर्जा महासंघ की मांग

भारतीय सौर ऊर्जा महासंघ ने 7 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बाड़मेर जिले में चल रहे नवीकरणीय ऊर्जा निवेश की सुरक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी। महासंघ ने आरोप लगाया कि विधायक की “अनुचित बाधाओं” के कारण सोलर और विंड प्रोजेक्ट्स पर संकट मंडरा रहा है, जिससे लगभग 8500 करोड़ रुपये का निवेश प्रभावित हुआ है। पत्र में प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव, और अन्य अधिकारियों से हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया था।

  • एक साल में तीसरा मामला दर्ज  

विधायक रविंद्रसिंह भाटी के खिलाफ पिछले एक साल में तीन मामले दर्ज हुए हैं:

1. 29 अप्रैल 2024  लोकसभा चुनाव के दौरान समर्थकों के साथ हिंसा और बालोतरा एसपी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन का मामला।

2. 29 नवंबर 2024 बइया गांव में ओरण और गोचर भूमि को सोलर प्रोजेक्ट से बचाने के लिए प्रदर्शन के दौरान पुलिस हिरासत से दो लोगों को छुड़ाने का आरोप।

3. 19 जनवरी 2025 सोलर और विंड प्रोजेक्ट्स में बाधा डालने के आरोप में शिव थाने में मामला।

  • विधायक का बयान  

विधायक रविंद्रसिंह भाटी ने आरोपों को साजिश करार दिया और कहा, मुझे वोट जनता ने दिए हैं, कंपनियों ने नहीं। मैं जनता के अधिकारों के लिए लड़ता रहूंगा। मेरे संघर्ष से हजारों बीघा जमीन कंपनियों को छोड़नी पड़ी और हाई टेंशन लाइनों के लिए 4 लाख रुपये मुआवजा तय हुआ। कुछ लोग मुझे जेल में डालने की साजिश रच रहे हैं, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।”

  • विकास बनाम जनहित  

यह मामला विकास परियोजनाओं और स्थानीय समुदायों के हितों के बीच बढ़ते टकराव को दर्शाता है। जहां एक तरफ सौर ऊर्जा महासंघ प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा की मांग कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ विधायक भाटी स्थानीय किसानों और पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कर रहे हैं  अब देखना होगा कि सीआईडी-सीबी की जांच में क्या निष्कर्ष निकलता है और यह मामला क्या मोड़ लेता है। 

Hakam Bandasar
Author: Hakam Bandasar

रिपोर्टर दैनिक भास्कर बाड़मेर

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