सेहलाऊ शरीफ में 157वां उर्से बुखारी और जलसा-ए-दस्तारे फज़ीलत की तैयारियों को लेकर अहम बैठक आयोजित

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सेहलाऊ शरीफ में 157वां उर्से बुखारी और जलसा-ए-दस्तारे फज़ीलत की तैयारियों को लेकर अहम बैठक आयोजित

सेहलाऊ शरीफ में 157वां उर्से

सेहलाऊ शरीफ में 157वां उर्से

सेहलाऊ शरीफ, बाड़मेर (प्रेस विज्ञप्ति) – राजस्थान के प्रसिद्ध सूफी केंद्र सेहलाऊ शरीफ में आयोजित होने वाले सेहलाऊ शरीफ में 157वां उर्से बुखारी और सालाना जलसा-ए-दस्तार-ए-फज़ीलत की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए 2 फरवरी 2025 को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में क्षेत्र के बुजुर्गों, उर्स कमेटी के सदस्यों और स्थानीय जिम्मेदारों ने शिरकत की और कार्यक्रम को भव्य रूप से संपन्न कराने के लिए अपनी सेवाएं देने का संकल्प लिया।

धार्मिक जोश और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा  सेहलाऊ शरीफ में 157वां उर्से बुखारी

पिछले वर्षों की परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष भी दारुल उलूम अनवारे मुस्तफा, सेहलाऊ शरीफ में सूफी संतों की याद में यह उर्स अकीदत और एहतिराम के साथ मनाया जाएगा।

  • 157वां उर्स: क़ुतुबे थार हज़रत पीर सय्यद हाजी अली शाह बुखारी (अलैहिर्रहमा)
  • 47वां उर्स: हज़रत पीर सय्यद अलाउद्दीन शाह बुखारी (अलैहिर्रहमा)
  • 11वां उर्स: बानी-ए-दारुल उलूम मखदूमे ज़मां हज़रत पीर सय्यद कबीर अहमद शाह बुखारी (अलैहिर्रहमा)

यह पाकीज़ा तक़रीब 10 शअ़बानुल मुअ़ज्ज़म 1446 हिजरी को, जो 9 फरवरी 2025 (रविवार-सोमवार की रात) को पड़ रही है, पारंपरिक धार्मिक रस्मों के साथ संपन्न होगी।

बैठक में उर्स के प्रबंधों को लेकर अहम फैसले

बैठक का आयोजन दारुल उलूम की नई दारुल इक़ामा बिल्डिंग के सामने किया गया, जिसमें सभी मौजूद लोगों ने कार्यक्रम की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की। बैठक की शुरुआत तिलावत-ए-क़ुरआन से हुई, जिसके बाद नबी-ए-पाक ﷺ की शान में नात शरीफ पेश की गई।

बैठक की सदारत दारुल उलूम के मोहतमिम, शैखुल हदीस और खानकाहे आलिया बुखारिया के सज्जादा नशीन हज़रत अल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी मद्दज़िल्लहुल आ़ली ने की। उन्होंने इस आयोजन की अहमियत पर जोर देते हुए इसे पहले से भी अधिक व्यवस्थित और शानदार बनाने की अपील की।

आयोजन को भव्य बनाने की रणनीति

  1. जायरीनों की सुविधा के लिए विशेष इंतज़ाम
    • ठहरने, भोजन और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की जाएगी।
    • यातायात और सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन से सहयोग लिया जाएगा।
  2. रूहानी महफिलों का आयोजन
    • कुरआन ख्वानी, महफिल-ए-समा और तकरीरात आयोजित की जाएंगी।
    • सालाना जलसा-ए-दस्तारबंदी में इल्म की अहमियत पर रोशनी डाली जाएगी।
  3. अल्लाह से दुआ और अंत में बैठक का समापन
    • अंत में हज़रत पीर साहब ने सभी के लिए खैर और बरकत की दुआ करवाई।
    • सभी उपस्थित लोगों ने इस आयोजन को यादगार और सफल बनाने का संकल्प लिया।

 उर्स में शिरकत की अपील

उर्स कमेटी और सज्जादा नशीन ने सभी अकीदतमंदों से इस मुबारक मौके पर हाज़िरी देने और इस रूहानी महफिल का हिस्सा बनने की अपील की है।

(रिपोर्ट: ‘थार समाचार’)

Hakam Bandasar
Author: Hakam Bandasar

रिपोर्टर दैनिक भास्कर बाड़मेर

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