पुरी सीट से कांग्रेस कैंडिडेट सुचरिता मोहंती ने टिकट लौटाया
सुचरिता ने कहा- चुनाव के लिए पार्टी से फंड नहीं मिला मेने जनता से पैसे इक्ट्ठा करने की कोसिस की पर चुनवा लड़ने जितने पैसे नही जुटा पाए इस लिए चुनाव लडना बोहोत मुस्किल है
आपको बता दे कि ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुचरिता मोहंती ने अपना टिकट लौटा दिया है। उन्होंने पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल चिट्ठी लिखी है। इसमें पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं मिलने की बात कही है पैसे के अभाव की वजह से चुनाव नही लड़ सकते
पुरी लोकसभा सीट और राज्य की सात विधानसभा सीटों के लिए 25 मई को मतदान होना है। जबकि नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 6 मई है। इस सीट से BJD से अरूप पटनायक और BJP ने संबित पात्रा को खड़ा किया है। दोनों ही अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं पर कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना नामकन अभी तक दाखिल नही किया है और चारो तरफ से कांग्रेस के पास फंड ना होने की वजह से टिकट वापिस किया जा रहा जाओ इस समय कांग्रेस चुनवा लड़ने के लिए पूरी तरह से संघर्ष कर रही है पार्टी के अकाउंट बीजेपी ने फ्रिज करवाकर रखे है जिस में लाखो रुपया अटका पड़ा है और जिसका कारण है आज कही केंडीडेंट टिकट तक वापिस लौटा रहे है इस से सीधा पता चलता है को तानासही का दौर जारी है इससे पहले गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी का पर्चा निरस्त हो गया था बसपा सहित अन्य प्रत्याशियों ने भी अपना पर्चा वापस ले लिया था। इसके बाद 22 अप्रैल को बीजेपी प्रत्याशी मुकेश दलाल को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया था।
इधर, मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया था और फिर भाजपा में शामिल हो गए थे जिसको लेकर बीजेपी पूरे देश में कांग्रेस के प्रत्याशी को ही अपनी ओर खींच रही है जिस से अब तक बीजेपी 8 संसद निर्विरोध कर चुके है देश में और बीजेपी का इस बार हर मंच के माध्यम से नारा है 400 पार कही ना कही सच होते नजर आ रहा है विपक्ष के बैक खाते फ्रिज दो राज्यों के मुख्यमंत्री जेल में और कांग्रेस ने अपना केंडीडेंट बनाया वो भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में सामिल होते नजर आ रहे है एक सभा में मजाकिया अंदाज में संजय राउत बोले- स्मृति ईरानी पर मुझे बहुत दया आती है, वे राहुल गांधी के पीए से हारने वाली हैं
शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा- अमेठी से पहले और भी लोगों ने चुनाव लड़ा है जो गांधी परिवार के बहुत ही करीब रहे। भाजपा को क्या पड़ी है कि कौन कहां से चुनाव लड़े उस से फर्क नही पड़ता है मुझे स्मृति ईरानी पर बहुत दया आती है कि वे राहुल गांधी के पीए से हारने वाली हैं। ये बहुत ही सोच समझकर लिया हुआ निर्णय है। के.एल. शर्मा बहुत ही जमीनी कार्यकर्ता हैं। कांग्रेस पार्टी का एक सामान्य कार्यकर्ता इस बार स्मृति ईरानी को परास्त करेगा और 400 पार का सपना ही रहेगा जो बीजेपी इन दिनों देश में देख रही है
Author: Hakam Bandasar
रिपोर्टर दैनिक भास्कर बाड़मेर