ओडवाडा में महिलाओं पर लाठी चार्ज गरीबों के घर उजाड़े

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ओडवाडा में महिलाओं पर लाठी चार्ज गरीबों के घर उजाड़े प्रशासन की सबसे बड़ी लापरवाही 

ओडवाडाओडवाडा बता दु की बीजेपी की कूट राजनीति और गरीबों के आशियानो को उझाड़ना कोई बीजेपी से सीखे बिल्डोजर की सरकार ने सबसे पहले उतर प्रदेश के कही लोगो के घर उजाडे उसके बाद दिल्ली की छोपड़ झूंगी को उजाड़ा अब राजस्थान में सरके बने 5 महीने ही हुए है और ओडवाडा गांव को तहस नहस कर दिया गरीबों के घर उजाड़ दिए महिलाओं पर लाठी चार्ज भी कर दिया ऐसे में गरीब घरों की ओरतो के साथ प्रशासन ने कही बेतमीजी की जिसको लेकर आज सुबह

विधायक छगन सिंह राजपुरोहीत ने मुख्यमंत्री से मिलकर ओडवाडा गांव को उजड़ने से रुकवाया

आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित गुरुवार को अल सुबह जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलकर ग्राम ओडवाडा के विषय को लेकर ज्ञापन सौंपा एवम् मुख्यमंत्री शर्मा को पूरा ब्रीफ करके बताया और संवेदनशील मुख्यमंत्री ने तुरंत इस विषय को लेकर अधिकारियों से बात की और ओडवाड़ा ग्रामवासियों को बेघर कर रहे प्रशासन को ओडवाड़ा गांव को उजड़ने से रुकवाया गया, इस विषय को लेकर विधायक राजपुरोहित ने सोशल मीडिया अकाउंट पर आश्वस्त करते हुए ट्विट किया कि आगे हमारा प्रयास रहेगा कि ओडवाडा ग्रामवासियों से मिलकर एवम् उन्हें साथ लेकर न्यायालय में कानूनी लड़ाई लड़कर ओडवाडा ग्रामवासियों के हित में फैसला लाने का प्रयास रहेगा, इस मामले को लेकर विधायक राजपुरोहित ने 2021 से ओडवाड़ा गांव के हित में प्रयास किए और गांव को उजड़ने से रुकवाया भी था और कहा कि ओडवाड़ा ग्रामवासियों के हर सुख-दुःख में साथ हु तथा आज प्रशासन द्वारा ओडवाडा में महिलाओं-बुजर्गो के साथ बर्बरता एवम् अमानवीय व्यवहार किया है इसको कभी माफ नहीं किया जाएगा मेरे क्षेत्र की जनता मेरा परिवार है और परिवार को मेरे रहते हुए कभी उजड़ने नही दिया जाएगा

पूर्व सीएम अशोक गहलोत का आया ट्विट

लिखा- आहोर, जालोर के ओडवाड़ा में, अतिक्रमण हटाने के नाम पर 400 से अधिक घरों को तोड़ने के लिए प्रशासन द्वारा बल प्रयोग करना उचित नहीं है, यह गरीब परिवारों से जुड़ा मामला है, प्रशासन को इन परिवारों को उचित समय देना चाहिए था, जिससे वो उसका कानूनी समाधान निकाल पाते, इस विषय को राज्य सरकार एवं प्रशासन मानवीय आधार पर देखे, इस संबंध में मेरी जालोर कलेक्टर से भी बात हुई है, हम इन पीड़ित परिवारों की कानूनी सहायता कर, इनको न्याय सुनिश्चित करवाएंगे, पूर्व में भी ऐसे कई मामले हुए हैं, जिनमें उच्च या उच्चतम न्यायालयों का फैसला, पीड़ित परिवारों के पक्ष में आया था, सीकर के पटवारी का बास गांव में ऐसा प्रकरण हुआ था, जिसमें हाईकोर्ट के एक आदेश में घर तोड़ने का फैसला हुआ, परन्तु दूसरे आदेश में इसे गलत माना, और पीड़ित परिवारों को हमारी सरकार के समय पट्टे दिए गए, प्रशासन को सभी कानूनी रास्ते पूरे होने का इंतजार करना चाहिए एवं इसके बाद कोई कार्रवाई करनी चाहिए- गहलोत

Hakam Bandasar
Author: Hakam Bandasar

रिपोर्टर दैनिक भास्कर बाड़मेर

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