आज ही के दिन 125 साल पहले बाड़मेर-खोखरापार अंतरराष्ट्रीय रेलमार्ग की हुई थी शुरुआत
Dete 22/12/2024 रविवार
22 दिसम्बर 1900 को जोधपुर के तत्कालीन महाराज सरदारसिंह के सुझाव पर बना था रेलमार्ग,सिंध और हिन्द के बीच रोटी-बेटी का है नाता पूर्व में भारत के राजस्थान प्रांत के बाड़मेर जैसलमेर बीकानेर जालौर जिलों के लोगो का पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रिश्तेदार रहते हैं जिन में बेटी ओर रोटी का व्यवहार है लकीर खींचे जाने से पूर्व विशेष बाड़मेर और जैसलमेर जिलों के लोग मजदूरी के लिए पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जाते थे जिस में आज भी एक नाम प्रचलित है (ताजा नाले जाए) उस समय नाले जाने वाले लोगों
वापिस बहुत लेट आते थे जिस से ये एक कहावत बन गई पाकिस्तान के सिंध में छाछरों गढ्डों सिटी सियार उमरकोट मोहम्मदियार खोखरा क्षेत्र में मजदूरी करते ओर लौट आते ओर वहा के लोगों में रिश्तेदारी थी तो बेटियां भी दे आते जिस से रोटी और बेटी का रिश्ता भी प्रचलन हुआ उस समय में चलने वाली ट्रेन कराची पाकिस्तान तक जाती ओर हिंदुस्तान में जोधपुर तक आती ट्रेन भी उस समय कोयले से चलती थी 14 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटिश सरकार से आजाद हुआ और 15 अगस्त 1947 को भारत ओर पाकिस्तान दो अलग राष्ट बने पाकिस्तान में 14 अगस्त को आजादी दिवस मनाया जाता है तो भारत में 15 अगस्त को आजादी दिवस मनाया जाता फिर भी व्यापार के लिए रास्ता चालू रहा तत्कालीन भारत पाक 1965 ओर 1971 के युद्ध हुए उसके बाद से ट्रेन का रास्ता बंद कर दिया जिसको को सर्वग्य पूर्व विदेश मंत्री स्व श्री जसवंत सिंह जसोल के द्वारा 2006 में पुन एक बार चालू करवाया जोधपुर से खोखरा पार ट्रेन आने जाने लगी क्षेत्र में खुशी का माहौल बन परन्तु कश्मीर के पुलवामा अटैक के बाद मुनाबाव-पाकिस्तान रेल का संचालन फिर से बंद कर दिया जिससे फिर थार के परिवारों की बेटियां राखियां बांधने को तरस रही है अब भारत ह्रदय विशाल और पाकिस्तान दिल बड़ा करे तो फिर से शुरू हो सकती रेल सेवाएं जिस से कही परिवारों में पुन खुशियां आ सकती है
लेखक हाकम बांडासर
पत्रकार दैनिक भास्कर बाड़मेर
Author: Hakam Bandasar
रिपोर्टर दैनिक भास्कर बाड़मेर