सरपंच के कार्यकाल पर विराम लगाने की तैयारी

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सरपंचों के कार्यकाल पर विराम लगाने की तैयारी अब गांव में नई सरकार का गठन होगा 
सरपंचों के कार्यकाल पर विराम लगाने की तैयारी
सरपंचों के कार्यकाल पर विराम लगाने की तैयारी

वन स्टेट वन इलेक्शन से पहले पंचायत चुनाव में गैप मिटाने की कोशिश, इसलिए चुनाव टाल प्रशासक लगाए प्रदेश में 11000 से ज्यादा ग्राम पंचायतें हैं। इनका कार्यकाल अलग-अलग समय पर पूरा हो रहा है। वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत सभी पंचायती राज संस्थाओं का एक साथ चुनाव करवाने के लिए प्रशासक लगाने जरूरी थे। 6759 ग्राम पंचायत का कार्यकाल जनवरी में पूरा हो रहा है। 704 पंचायत का कार्यकाल मार्च में में पूरा हो रहा है। 3847 पंचायत का कार्यकाल सितंबर-अक्टूबर में पूरा हो रहा है। चुनाव के इस गैप को कम करने के लिए प्रशासक लगाने का फैसला किया है।

अब सरकारी ने आदेश जारी किया है कि जिस क्षेत्र में 31 जनवरी को कार्यकाल समाप्त हो रहा है उस क्षेत्र में कार्यवाहक लगेगा जानी अब जिला कलेक्टर के हाथ में होगा अगले चुनाव तक गांव में नई सरकार का गठन करेगा जिस में उपसरपंच वार्ड पंच मिलकर नई सरकार तय करेंगे जिस में वार्डपंच सदस्य ओर उपसरपंच मिलकर तय करेंगे और जिसको विकास सरपंच बनाया जाएगा कार्यवाहक बनने के बाद क्षेत्र के अधिकारी मिलकर ग्राम पंचायत का कारभार उसको सौंपेगी ये जब तक सरपंच रहेगा तब तक चुनाव नहीं होते है

सरपंच समिति से सलाह लेकर काम करेंगे

  • जिन पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो गया है, उनमें सरपंच प्रशासक का काम करेंगे, लेकिन उन्हें प्रशासनिक समिति से राय लेनी होगी।
  • कलेक्टर हर ग्राम पंचायत में प्रशासक लगाने और प्रशासनिक समिति बनाना काम करेंगे।
  • पंचायती राज विभाग की अधिसूचना के अनुसार सभी जिलों के कलेक्टर अपने-अपने इलाके में जिन ग्राम पंचायत का कार्यकाल पूरा हो रहा है। उनमें प्रशासक लगाने और प्रशासनिक समिति बनाने का काम करेंगे

अब तक ग्राम सचिव लगते रहे हैं प्रशासक

नाराजगी टालने के लिए सरपंचों को प्रशासक लगाया राजस्थान में अब तक किसी पंचायत के चुनाव टालने पर ग्राम सचिव को प्रशासक की जिम्मेदारी दी जाती रही है। इस बार प्रदेश में अलग मॉडल अपनाया गया है। सरपंचों को ही प्रशासक की जिम्मेदारी दे दी है। एक प्रशासनिक कमेटी बना दी है, जिसमें मौजूदा उप सरपंच और वार्ड पंच ही शामिल होंगे।

अब राज्य सरकार ने जारी किया आदेश में लिखा 

राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 (1994 का अधिनियम संख्या 13) की धारा-95 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार द्वारा, राज्य की ऐसी ग्राम पंचायतें जिनका कार्यकाल दिनांक 31.01.2025 तक समाप्त हो रहा है तथा उनके चुनाव अपरिहार्य कारणों से सम्पन्न नहीं हो पा रहे हैं, ऐसी समस्त ग्राम पंचायतों में संबंधित ग्राम पंचायत के निवर्तमान सरपंच को प्रशासक नियुक्त करने एवं ग्राम पंचायतों के कार्यकलापों के सुचारू संचालन की दृष्टि से प्रशासक की सहायतार्थ प्रत्येक ऐसी ग्राम पंचायत के लिए प्रशासकीय समिति का गठन किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस प्रशासकीय समिति में ग्राम पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व वे व्यक्ति जो संबंधित ग्राम पंचायत के उप सरपंच एवं वार्ड पंच रहे हैं, सदस्य बनाये जायेंगे।

प्रशासक द्वारा उक्त अधिनियम व संबद्ध नियमों में वर्णित समस्त शक्तियों और कर्तव्यों का प्रयोग और पालन प्रशासकीय समितियों की बैठक में परामर्श उपरान्त किया जायेगा। राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 एवं राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 के तहत ग्राम पंचायत के खातों (Bank Accounts) का संचालन व वित्तीय शक्तियों का प्रयोग प्रशासक (निवर्तमान सरपंच) एव सम्बन्धित ग्राम विकास अधिकारी द्वारा किया जायेगा। प्रशासक एवं प्रशासकीय समिति की कार्यावधि नवनिर्वाचन के पश्चात गठित ग्राम पंचायत की प्रथम बैठक की तारीख के ठीक पूर्ववर्ती दिन तक रहेगी।

अधिनियम की धारा-98 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार द्वारा समस्त जिला कलेक्टर्स को अपने जिले की संबंधित ग्राम पंचायतों में उनका कार्यकाल समाप्त होने की तिथि से उक्तानुसार प्रशासक नियुक्त करने एवं प्रशासकीय समितियों का गठन किये जाने हेतु अधिकृत किया जाता है

​​​​ग्राम पंचायत से लेकर पंचायत समितियां और जिला परिषदों का 20 जनवरी से शुरू होगा पुनर्गठन 

वहीं, ग्राम पंचायत से लेकर पंचायत समितियां और जिला परिषदों के पुनर्गठन का खाका तैयार हो गया है। प्रदेश में 20 जनवरी से लेकर 15 अप्रैल के बीच पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन का काम होगा। इसमें नई ग्राम पंचायत और पंचायत समितियां बनाने के साथ-साथ मौजूदा पंचायती राज संस्थाओं की सीमाओं में भी बदलाव होगा। इसके लिए जनसंख्या और दूरी के पुराने मापदंडों में इस बार छूट दी गई है। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे कामों के लिए अब अधिक दूर नहीं जाना पड़ेगा। नई ग्राम पंचायत और पंचायत समितियां के लिए कलेक्टर 20 जनवरी से 18 फरवरी तक कलेक्टर प्रस्ताव तैयार करेंगे।

अब आपको समझ में आया होगा कि क्या है सरकार का कार्यवाहक जो मौजूदा सरकार ने एक स्टेट एक इलेक्शन करवाने का बिल पास करवाया है जिसमें राज्य में एक साथ सभी ग्राम पंचायत में सरपंच के चुनाव होगे पिछली बार चुनाव कोरोना की वजह से दो भागों में बट गए थे जिसको देखते हुए सरकार ने फैसला किया कि जिसके एक साल बाद चुनाव हुए उनका कार्यकाल समाप्त होने तक उनको बरकार रखा जाएगा और जिनके कोरोनाकाल से पहले चुनाव हुए थे उन ग्राम पंचायत पर कार्यवाहक लगेगा जिसके बाद एक साल के लिए ग्राम पंचायत को वार्डपंच या उपसरपंच में से कोई एक सरपंच बनकर आएगा सर्व सहमति से अगर सदस्य इनको मानते है तो वह सहमति से सरपंच बन जाएगा अगर सदस्य नहीं चाहते कि हम वोट करेंगे तो मात्र वार्डपंच ओर उपसरपंच ही वोट करेंगे और जिनको याद मत मिलेगे वह विजेता होगा और अगला कार्यवाहक हटने तक वह गांव की सरकार को संभालेगा

प्रशासक लगाने की समय सीमा भी तय नहीं सरपंचों को ग्राम पंचायत का प्रशासक नियुक्त करने की समय सीमा भी अधिसूचना में तय नहीं है। जब तक पंचायत राज चुनाव की घोषणा नहीं होगी। तब तक सरपंच ही प्रशासक के तौर पर काम करते रहेंगे।

 

लेखक हाकम बांडासर 

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Hakam Bandasar
Author: Hakam Bandasar

रिपोर्टर दैनिक भास्कर बाड़मेर

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