किसानों के लिए झटका सर्वर खराबी के कारण पंचायत स्तर पर फार्मर रजिस्ट्रेशन शिविर स्थगित फार्मर रजिस्ट्री शिविर
फार्मर रजिस्ट्री शिविर
पंचायत स्तर पर शिविर बंद होने से फार्मर रजिस्ट्रेशन में देरी, किसानों को होगी परेशानी
सर्वर की खराबी के चलते अब जिला स्तर पर दो स्थानों पर होंगे शिविर
राजस्थान में किसानों के डाटा बैंक तैयार करने के लिए 5 फरवरी से पंचायत स्तर पर फार्मर रजिस्ट्री शिविर शुरू किए गए थे, लेकिन तकनीकी समस्याओं के चलते सरकार ने इन्हें स्थगित कर दिया है। अब यह शिविर केवल जिला मुख्यालयों पर सीमित स्थानों पर लगाए जाएंगे, जिससे किसानों को अपने फार्मर रजिस्ट्रेशन के लिए अधिक इंतजार करना पड़ेगा।
सर्वर खराबी से रुका पंजीकरण, योजनाओं का लाभ लेने में देरी
राज्य सरकार किसानों को 11 अंकों की यूनिक फार्मर आईडी जारी कर रही है, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचेगा। लेकिन सॉफ्टवेयर में आई गड़बड़ी के कारण यह प्रक्रिया बाधित हो गई है, जिससे किसानों को अपनी पहचान और सरकारी लाभ प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
अब जिला मुख्यालयों पर ही होंगे रजिस्ट्रेशन
पहले सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर निर्धारित तिथियों के अनुसार शिविर लगाए जा रहे थे, लेकिन अब प्रत्येक जिले के सिर्फ दो स्थानों पर ही शिविर आयोजित किए जाएंगे। इससे दूरदराज के किसानों को अतिरिक्त यात्रा करनी पड़ेगी, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ेगी।
राज्य में धीमी हुई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
अब तक पूरे राजस्थान में मात्र 15,000 से 20,000 किसानों का ही फार्मर रजिस्ट्रेशन हो पाया है, जो अपेक्षा से बहुत कम है। सर्वर समस्याओं के कारण आधार ओटीपी जनरेट नहीं हो रही, जिससे किसानों का पंजीकरण धीमी गति से हो रहा है। सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए केंद्रीय तकनीकी टीम को संप्रेषित किया है, लेकिन स्थायी हल मिलने में समय लग सकता है।
बालोतरा जिले में अब तक 1023 किसानों का पंजीयन
8 फरवरी तक बालोतरा जिले में 1023 किसानों ने फार्मर रजिस्ट्री के लिए पंजीकरण करवाया, जिसमें प्रमुख स्थानों पर यह संख्या दर्ज की गई:
- पचपदरा (गोपड़ी, नेवाई): 228 किसान
- सिवाना (भीमगोड़ा): 33 किसान
- समदड़ी (कोटड़ी, भलरो का बाड़ा): 514 किसान
- सिणधरी (चाडों की ढाणी): 27 किसान
- बायतु (बायतु भीमजी, जोगासर): 123 किसान
- गिड़ा (खारडा मानसिंह): 98 किसान
- पाटोदी (सागरानाड़ी): 0 किसान
- कल्याणपुर (मूल की ढाणी): 0 किसान
11 अंकों की यूनिक आईडी के फायदे
केंद्र सरकार द्वारा “एश्रीस्टेक डिजिटल कल्चर इनिशिएटिव” के तहत यह योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत—
- प्रत्येक किसान को डिजिटल रूप से रजिस्टर किया जाएगा।
- किसान की अलग पहचान (यूनिक आईडी) होगी, जिससे कृषि भूमि और अन्य जानकारी इससे जुड़ी रहेगी।
- पीएम किसान सम्मान निधि योजना, फसल बीमा योजना और अन्य सरकारी लाभ सीधे किसान तक पहुंच सकेंगे।
- जीआईएस तकनीक के जरिए रियल टाइम क्रॉप सर्वे किया जाएगा।
- एमएसपी पर फसलों की खरीद के लिए किसान का स्वत: पंजीकरण हो जाएगा।
सरकार कर रही है समाधान की कोशिश
विभाग का कहना है कि जब तक पोर्टल पूरी तरह स्थिर नहीं हो जाता, तब तक जिला स्तर पर ही शिविर आयोजित किए जाएंगे। सरकार पोर्टल अपडेट और सर्वर सुधार पर काम कर रही है, जिससे भविष्य में किसानों को बिना किसी समस्या के पंजीकरण की सुविधा मिल सके।
किसानों के लिए क्यों जरूरी है फार्मर रजिस्ट्रेशन?
- सभी सरकारी योजनाओं का लाभ बिना बार-बार सत्यापन के मिलेगा।
- फसल बीमा योजना का लाभ लेने में आसानी होगी।
- खेती से जुड़े सरकारी डेटा बैंक में किसानों की जानकारी दर्ज होगी।
- किसान पहचान और भूमि रिकॉर्ड की सुरक्षा होगी।
सरकार जल्द ही इस तकनीकी समस्या को हल कर किसानों के पंजीकरण में तेजी लाने की योजना बना रही है। लेकिन फिलहाल किसानों को जिला मुख्यालयों पर शिविरों का इंतजार करना होगा।
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Author: Hakam Bandasar
रिपोर्टर दैनिक भास्कर बाड़मेर