Education Rajasthan जयपुर. प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्कूलों में शिक्षकों के मोबाइल इस्तेमाल करने पर रोक लगाने का फैसला लिया है
Date 10/05/2024
शिक्षा मंत्री के इस फैसले की चर्चा पूरे प्रदेश में बनी हुई है. इस फैसले को लेकर जहां शिक्षक संगठनों ने स्वागत किया है तो इस पर सवाल भी खड़े किए हैं. शिक्षक संगठनों ने कहा है कि प्रदेश के हजारों स्कूलों में कंप्यूटर और इंटरनेट जैसी सुविधाएं नहीं होने से कई कार्य मोबाइल से ही करने होते हैं शिक्षक संगठनों के नेताओं ने कहा कि अब तक शिक्षक शाला दर्पण पर छात्रवृत्ति, एडमिशन, दैनिक उपस्थिति, ऑनलाइन ट्रेंनिंग और राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम के तहत जो भी काम मोबाइल से करते आ रहे थे, अब वो नहीं हो पाएंगे. वहीं, शिक्षक संगठनों ने अपने स्तर पर ही 1 जुलाई से एंड्रॉयड फोन स्कूल नहीं ले जाने का ऐलान भी किया. शिक्षक संगठनों ने ये भी कहा कि इससे गैर शैक्षणिक कार्यों पर लगाम लगेगी और शिक्षक छात्रों की पढ़ाई पर ध्यान दे सकेंगे हालांकि इस संबंध में अब तक बीकानेर शिक्षा निदेशालय की ओर से कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के बयान पर कोटा संभाग के स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक ने इस संबंध में आदेश जारी भी कर दिए. संयुक्त निदेशक तेज कंवर का कहना है कि इस संबंध में डेढ़ महीने पहले ही आदेश निकाल दिए थे, जिसका रिमाइंडर 2 मई को दोबारा भेजा गया है. राजस्थान के स्कूलों में शिक्षकों के मोबाइल इस्तेमाल पर बैन लगाने वाले फैसले का असर जमीनी स्तर पर कितना नजर आएगा यह स्कूल का नया सत्र शुरू होने के बाद ही सही मायने में पता लग पाएगा.
डिजिटल प्रवेशोत्सव:नामांकन बढ़ाने को पहली कक्षा में आंगनबाड़ी के बच्चों को मिलेगा दाखिला
बीकानेर राज्य के सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए पहली बार डिजिटल प्रवेशोत्सव शुरू किया जाएगा। इसके लिए सर्वे का काम सोमवार से शुरू होना है, लेकिन इस संबंध में लिखित आदेश और प्रवेशोत्सव की गाइड लाइन जारी नहीं हो से शिक्षक असमंजस में हैं
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने डिजिटल प्रवेशोत्सव के लिए डेटा एंट्री की 13 पेज की गाइड लाइन जारी की है। शिक्षकों को गूगल प्ले स्टोर पर जाकर ‘डिजिटल प्रवेशोत्सव’ ऐप को डाउनलोड करना होगा। आईडी भरने के बाद वह ओपन हो जाएगा फिर गाइड लाइन के अनुसार उसमें बच्चों के संबंध में जानकारी दर्ज करनी होगी। इसके लिए सबसे पहले आंगनबाड़ी केंद्रों से पांच साल के बच्चों का डेटा अपलोड करने को कहा गया है। ताकि उन्हें गांव की सरकारी स्कूल की पहली कक्षा में प्रवेश दिलाया जा सके। बच्चों के संबंध में सभी सूचनाएं ऑन लाइन दर्ज होंगी। यह ऐप शाला दर्पण से कनेक्ट रहेगा
मोबाइल ले जाने पर रोक को लेकर शिक्षक परेशान
डिजिटल प्रवेशोत्सव को लेकर हाल ही में शिक्षा विभाग ने ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया था। इसके लिए गाइड लाइन भी जारी कर दी। सोमवार से सर्वे शुरू करने के मौखिक निर्देश भी दे दिए, लेकिन शिक्षक परेशान हैं। पिछले दिनों शिक्षा मंत्री का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें स्कूलों में मोबाइल ले जाने पर रोक लगाने की बात कही गई थी। शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश मंत्री श्रवण पुरोहित का कहना है कि इस संबंध में लिखित में कोई आदेश नहीं है, लेकिन शिक्षक असमंजस में हैं। शिक्षा मंत्री को अपनी बात वापस लेनी चाहिए
ग्रामीण एरिया में नेटवर्क संकट
संचार क्रांति के इस दौर में ग्रामीण क्षेत्रों काफी जगह आज भी नेटवर्क काम नहीं करता। बीकानेर की सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है। बॉर्डर एरिया में ऐसे कई गांव हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क ही नहीं आता। ऐसे में डिजिटल प्रवेशोत्सव की सफलता को लेकर संशय बना हुआ है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि ऐसे इलाकों में ऑन लाइन सर्वे कैसे होगा? यह स्पष्ट नहीं है
डिजिटल प्रवेशोत्सव के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान 13 मई से सर्वे शुरू करने के मौखिक निर्देश दिए गए थे। स्कूलों में पीईईओ इसके लिए वार्ड वार शिक्षकों की ड्यूटियां लगाएंगे
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न्यूज लेखक हाकम खान
Author: Hakam Bandasar
रिपोर्टर दैनिक भास्कर बाड़मेर